swachhta ke slogan

 

                                                 स्वच्छता के स्लोगन 


स्‍वच्‍छता से खुशबु, अपनों से प्‍यार

मिलकर मनाये, दीपों का त्‍योहार।।

 

दीपों का ये पावन त्‍योहार

स्‍वच्‍छ व्‍यवहार, स्‍वस्‍थ आहार

लक्ष्‍मी जी विराजे, आपके द्वार।।

 

झिलमील दीपों की रौशनी, प्रकाशमय समाज

प्रदेश को स्‍वच्‍छ बनाने के लिये, प्रण लें आज।।

 

दीपावली का दीपक जगमगाये आपके आंगन में

स्‍वच्‍छता के रंग सजे आपके प्रांगन में।।

 

रोशनी से रौशन हो आपका हर लम्‍हा

स्‍वच्‍छता का दीपक जले आपके अंगना।।

 

ये रोशनी का पर्व है, आओ दीप जलाना हम

जो हर को अच्‍छा लगे, वैसे स्‍वच्‍छ बने हम।।

 

कुमकुम भरे कदमों से लक्ष्‍मी जी आये आपके द्वार

स्‍वच्‍छ और सुदंर परिवार में खुशियां मिले अपरंपार।।

 

हर कोई अंधेरे में उजाले फैलाने को तैयार हो,

स्‍वच्‍छता और सावधानी अपनाने का भी व्‍यवहार हो।।

 

कोई वक्‍त का तो कोई खुशियों का तलबगार है,

स्‍वच्‍छता के साथ जीना सबों को स्‍वीकार है।।

 

जगमगाता दीपों का पर्व हम सभी के लिये 

स्‍वच्‍छता और शुद्धता हो सभी के लिये सदा के लिये।।

 

प्रकाशमय समाज, स्‍वच्‍छ प्रदेश

ज्‍योति का पूंज, स्‍वच्‍छता की गूंज

अंधियारा से रौशनी, स्‍वच्‍छता की प्रर्द‍शनी

दीपावली का दीपक, स्‍वच्‍छता स्‍वरुप रुपक

सभी घरों में उजियारा, स्‍वच्‍छ हो प्रदेश हमारा

धरती, नभ में फैले प्रकाश, स्‍वच्‍छता हो आस-पास

दीया और बाती संग, बने स्‍वच्‍छता के साथी हम।।

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