🌱 Biogas Plant क्या होता है? (Easy Explanation)
बायोगैस प्लांट एक ऐसी जगह होती है जहाँ गाय-भैंस का गोबर, खाद्य अपशिष्ट (किचन वेस्ट) और पत्तियाँ जैसे जैविक कचरे से गैस (ईंधन) और खाद (स्लरी) बनाई जाती है।
⚙️ कैसे काम करता है बायोगैस प्लांट?
🔢 Step by Step आसान तरीके से:
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🐄 गोबर या किचन वेस्ट डाला जाता है
– गोबर + पानी को मिलाकर एक मिश्रण टैंक में डाला जाता है। -
🌀 डाइजेस्टर टैंक में यह सड़ता है
– टैंक के अंदर 30-40 दिन में यह जैविक पदार्थ गैस बनाता है। -
🔥 ऊपर गैस बनती है
– इसे पाइप से चूल्हा या लाइट में भेजा जाता है। -
💩 नीचे बचता है गीला खाद (स्लरी)
– जो खेतों में बहुत उपयोगी जैविक खाद होती है।
🎯 बायोगैस से क्या-क्या मिलता है?
| क्या | उपयोग |
|---|---|
| 🔥 गैस | खाना बनाने में |
| 💡 बिजली (बड़े प्लांट से) | घर/गाँव में उपयोग |
| 🌱 स्लरी (खाद) | खेतों में डालने के लिए |
✅ फायदे (Benefits)
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एलपीजी से सस्ता और स्वदेशी ईंधन
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गोबर का सही उपयोग
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जैविक खाद तैयार होती है
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पर्यावरण को नुकसान नहीं
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गाँवों में आत्मनिर्भरता बढ़ती है
🧱 बायोगैस प्लांट के मुख्य भाग:
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मिश्रण टैंक – जहाँ गोबर और पानी मिलाया जाता है
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डाइजेस्टर टैंक – जहाँ गैस बनती है
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गैस पाइपलाइन – गैस को चूल्हे तक ले जाती है
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स्लरी आउटलेट – जहाँ से खाद बाहर आती है

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